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राजस्थान लैब असिस्टेंट (विज्ञान) परीक्षा 2025: सिलेबस और परीक्षा पैटर्न की पूरी जानकारी

राजस्थान लैब असिस्टेंट (विज्ञान) परीक्षा 2025: सिलेबस और परीक्षा पैटर्न की पूरी जानकारी
क्या आप राजस्थान में लैब असिस्टेंट बनने का सपना देख रहे हैं? राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB), जयपुर, प्रयोगशाला सहायक (विज्ञान) संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा-2025 आयोजित कर रहा है. आपकी तैयारी को बेहतर बनाने के लिए, हमने परीक्षा योजना और विस्तृत पाठ्यक्रम को विस्तार से समझाया है. इस परीक्षा में सफल होने के लिए क्या आवश्यक है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें!
परीक्षा की स्कीम को समझें
प्रयोगशाला सहायक (विज्ञान) परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होंगे: प्रश्न-पत्र-I और प्रश्न-पत्र-II. दोनों प्रश्न पत्रों में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय (Objective) प्रकार के होंगे और सभी प्रश्नों के अंक समान होंगे.
यहाँ परीक्षा संरचना का एक त्वरित अवलोकन दिया गया है:
प्रश्न-पत्र | प्रश्नों की संख्या | अंक | समय | कुल अंक |
---|---|---|---|---|
Paper-I: | ||||
सामान्य ज्ञान (i-iv) | 100 | 200 | 2:00 घण्टे | 400 |
Paper-II: | ||||
विज्ञान (सैकेण्डरी स्तर), जीव विज्ञान (सीनियर सैकेण्डरी स्तर), भौतिक विज्ञान (सीनियर सैकेण्डरी स्तर), रसायन विज्ञान (सीनियर सैकेण्डरी स्तर) | 100 | 200 | 2:00 घण्टे | 400 |
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ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु:
- न्यूनतम उत्तीर्णांक: परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक 40 प्रतिशत निर्धारित हैं. इससे कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे.
- ऋणात्मक अंकन: अपने उत्तरों के साथ सावधान रहें! प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 भाग ऋणात्मक अंकन (Negative Marking) किया जाएगा.
लैब असिस्टेंट (विज्ञान) के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम
आइए जानें कि प्रत्येक पेपर में क्या शामिल है.
प्रश्न-पत्र-I: सामान्य ज्ञान
यह खंड महत्वपूर्ण है और आपकी सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने के लिए विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है.
i) राजस्थान का भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं सामान्य ज्ञान यह भाग पूरी तरह से राजस्थान पर केंद्रित है और इसमें शामिल हैं:
- राजस्थान का इतिहास, संस्कृति, एवं सामान्य ज्ञान: राजस्थान के इतिहास के प्रमुख स्रोत, राजस्थान की प्रमुख प्रागैतिहासिक सभ्यताएं, राजस्थान के प्रमुख राजवंश एवं उनकी उपलब्धियां, मुगल-राजपूत संबंध, स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषताएं, महत्वपूर्ण किले, स्मारक एवं संरचनाएं, राजस्थान के धार्मिक आंदोलन एवं लोक देवी-देवता, मेले, त्योहार, लोक संगीत, लोक नृत्य, वाद्ययंत्र एवं आभूषण, राजस्थानी संस्कृति, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व, राजस्थान की रियासतें एवं ब्रिटिश संधियां, 1857 का जन-आंदोलन.
- कृषक एवं जनजाति आंदोलन, प्रजामंडल आंदोलन.
- राजस्थान का एकीकरण.
- राजस्थान का राजनीतिक जनजागरण एवं विकास: महिलाओं के विशेष संदर्भ में.
राजस्थान का भूगोल
- स्थिति एवं विस्तार.
- मुख्य भौतिक विभाग: मरूस्थलीय प्रदेश, अरावली पर्वतीय प्रदेश, मैदानी प्रदेश, पठारी प्रदेश.
- अपवाह तंत्र.
- जलवायु.
- मृदा.
- प्राकृतिक वनस्पति.
- वन एवं वन्य जीव संरक्षण.
- पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय मुद्दे.
- मरूस्थलीकरण.
- कृषि जलवायु प्रदेश एवं प्रमुख फसलें.
- पशुधन.
- बहुउद्देशीय परियोजनाएं.
- सिंचाई परियोजनाएं.
- जल संरक्षण.
- परिवहन.
- खनिज सम्पदाएं.
ii) राजस्थान के समसामयिक मामले (Current Affairs of Rajasthan) राजस्थान के भीतर की हाल की घटनाओं और विकास से अपडेट रहें.
iii) विश्व एवं भारत का सामान्य ज्ञान यह खंड वैश्विक और राष्ट्रीय सामान्य जागरूकता को कवर करता है.
iv) शैक्षणिक मनोविज्ञान यह शिक्षा से संबंधित मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों पर केंद्रित एक विशिष्ट घटक है.
प्रश्न-पत्र-II: विज्ञान (सीनियर सैकेण्डरी स्तर का ज्ञान)
प्रश्न-पत्र-II आपके वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के वैज्ञानिक ज्ञान को समर्पित है, जिसमें जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान शामिल हैं.
I. विज्ञान का सैकेण्डरी स्तर का ज्ञान
II. जीव विज्ञान (BIOLOGY) का सीनियर सैकेण्डरी स्तर का ज्ञान
जीव विज्ञान (भाग-अ)
- सामान्य लक्षण: शैवाल, कवक, शैवाक (Lichen), ब्रायोफायटा, टेरिडोफायटा, अनावृत बीजी एवं आवृत बीजी पादपों के सामान्य लक्षण.
- आवृतबीजी पादपों की आकारिकी: मूल, स्तम्भ एवं पर्ण की संरचना एवं रूपान्तरण. पुष्प एवं बीज की संरचना.
- पादप शरीर: ऊतक एवं ऊतक तंत्र. द्वितीयक वृद्धि.
- पादप कार्यिकी: परासरण, जल अवशोषण, रसारोहण, वाष्पोत्सर्जन, प्रकाश संश्लेषण, श्वसन, पादप वृद्धि एवं गतियां.
- पर्यावरण अध्ययन: पारिस्थितिक तंत्र की संरचना एवं प्रकार, ऊर्जा प्रवाह, जैव भू-रासायनिक चक्र, पारिस्थितिक अनुकूलन, पर्यावरण प्रदूषण, समष्टि पारिस्थितिकी, जैव विविधता.
- जैव प्रौद्योगिकी: सामान्य जानकारी, पुनर्योजित डी.एन.ए. तकनीक, ट्रांसजेनिक पादप एवं जन्तु, नैतिक मुद्दे, कृषि एवं चिकित्सा क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग.
- पादपों का आर्थिक महत्व.
- कोशिका: संरचना (असीम केन्द्रकी एवं ससीम केन्द्रकी), कोशिका सिद्धान्त एवं कोशिका विभाजन.
जीव विज्ञान (भाग-ब)
- आनुवंशिकी: मेण्डल के नियम, सामान्य शब्दावली, डी.एन.ए. एवं आर.एन.ए. की संरचना एवं वंशागति का आणविक आधार. गुणसूत्र की संरचना, मनुष्य में लिंग निर्धारण एवं आनुवंशिकी विकार.
- जंतु जगत का वर्गीकरण: अकशेरूकी का संघ तक तथा कशेरूकी का वर्ग तक वर्गीकरण.
- मानव में पाचन, श्वसन एवं उत्सर्जन: प्रोटीन, शर्करा, वसा, विटामिन एवं पाचक एंजाइम, गैसों का विनियम, ऑक्सी व अनाक्सी श्वसन, क्रेब चक्र, ग्लाइकोलाइसिस, उत्सर्जी पदार्थ, वृक्क की संरचना एवं कार्यिकी.
- मानव में परिसंचरण तंत्र एवं अन्तः स्त्रावी तंत्र: हृदय की संरचना, रक्त का संगठन, रक्त समूह, रक्त का थक्का जमना, लसिका ग्रंथियां, एंटीजन एवं एंटीबॉडीज. अन्तः स्त्रावी ग्रंथियां एवं उनके हार्मोन.
- मानव तंत्रिका तंत्र: मस्तिष्क, आंख, कान की संरचना, न्यूरॉन की संरचना, तंत्रिका संवेग.
- पेशीय तंत्र: पेशियों के प्रकार एवं पेशीय संकुचन.
- मानव में जनन तंत्र एवं मानव रोग: संरचना, जनन स्वास्थ्य. मानव में जीवाणु, वायरस, प्रोटोजोआ, कवक तथा हेल्मिन्थ जनित रोग.
- जैव विकास.
- जंतुओं का आर्थिक महत्व.
III. भौतिक विज्ञान (PHYSICS) (सीनियर सैकेण्डरी स्तर का ज्ञान)
- दृढ़-पिंड गतिकी: बल आघूर्ण, कोणीय संवेग-संरक्षण, सरल ज्यामितीय वस्तुओं का जड़त्व आघूर्ण.
- ऊष्मागतिकी: ऊष्मागतिकी का प्रथम एवं द्वितीय नियम, ऊष्मा इंजन एवं प्रशीतक.
- दोलन: सरल आवर्त गति और उसके उदाहरण, अनुनाद.
- तरंगें: तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त, डॉप्लर प्रभाव.
- स्थिर वैद्युतिकी: कूलाम का नियम, विद्युत क्षेत्र, गाउस का नियम व उसके अनुप्रयोग.
- विद्युत धारा: किरकॉफ के नियम, व्हीटस्टोन सेतु, मीटर-सेतु, विभवमापी.
- प्रकाशिकी: सूक्ष्मदर्शी एवं दूरदर्शी, व्यतिकरण, विवर्तन एवं ध्रुवण, ध्रुवणमापी.
- परमाणु: हाइड्रोजन परमाणु का बोर मॉडल.
- नाभिक: द्रव्यमान क्षति, नाभिकीय बंधन ऊर्जा, नाभिकीय विखंडन एवं संलयन.
- अर्ध-चालक इलेक्ट्रॉनिकी: पीएन संधि, ट्रांजिस्टर, तर्क-द्वार, डायोड दिष्टकारी के रूप में, जीनर डायोड.
IV. रसायन विज्ञान (CHEMISTRY) (सीनियर सैकेण्डरी स्तर का ज्ञान)
- Unit-1: आवर्त सारणी एवं परमाणु गुणधर्म: परमाणु के मूलभूत कण (इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन, न्यूट्रॉन), रदरफोर्ड का नाभिकीय मॉडल, क्वाण्टम संख्या, पाउली का अपवर्जन सिद्धान्त, ऑफबो सिद्धान्त, कक्षकों के प्रकार (s, p, d, f), कक्षकों की आकृति, हुण्ड का नियम, आधुनिक आवर्त सारणी, परमाणु गुणधर्मों में परिवर्तन (आकार, आयनन-विभव, इलेक्ट्रॉन-बंधुता, विद्युत-ऋणता).
- Unit-2: S-ब्लॉक एवं P-ब्लॉक तत्व: सामान्य परिचय, इलेक्ट्रोनीय विन्यास, प्राप्ति, ऑक्सीकरण अवस्था, भौतिक व रासायनिक गुणों में प्रवृत्तियाँ, अक्रिय युग्म प्रभाव.
- Unit-3: रासायनिक साम्य: साम्य की प्रभावित करने वाले कारक, उत्क्रमणीय व अनुत्क्रमणीय अभिक्रियायें, रासायनिक साम्य के नियम, ली-शाताल्ये का सिद्धान्त.
- Unit-4: आयनिक साम्य: अम्ल क्षार साम्य, pH मान, सम आयन प्रभाव, बफर विलयन, अम्ल क्षार अनुमापन.
- Unit-5: गैसीय अवस्था: गुणधर्म, बॉयल का नियम, चार्ल्स का नियम, आवोगाद्रो का नियम, डॉल्टन का नियम, आदर्श गैस समीकरण, ग्राहम का विसरण नियम, गैसों का अणुगति सिद्धान्त.
- Unit-6: द्रव अवस्था: द्रवों के गुणधर्म, वाष्प दाब, पृष्ठ तनाव, श्यानता.
- Unit-7: ठोस अवस्था: ठोस के गुणधर्म, ठोसों का वर्गीकरण, ईकाई कोशिका व उनके प्रकार, क्रिस्टल संकुलन, सामान्य आयनिक यौगिकों की संरचना, क्रिस्टलों में त्रुटियाँ (फेंकल, शॉट्की).
- Unit-8: विलयन: विलेय, विलायक व विलयन, विलयन की सान्द्रता (मोलरता, नार्मलता, फॉर्मलता, मोललता, मोल भिन्न, भार प्रतिशत), विलयनों के प्रकार (गैसीय विलयन, द्रव विलयन, ठोस विलयन), राऊल का नियम , आदर्श व अनादर्श विलयन, विलयन के अणुसंख्यक गुणधर्म.
- Unit-9: कार्बनिक यौगिकों का नामकरण व सामान्य गुणधर्म: नामकरण के IUPAC नियम, अभिक्रियाओं के प्रकार (प्रतिस्थापन, योगात्मक, विलोपन), इलेक्ट्रॉनस्नेही, नाभिक स्नेही, प्रेरण प्रभाव, इलेक्ट्रोमरी प्रभाव, अनुनाद, अतिसंयुग्मन, त्रिविम प्रभाव , समावयता (संरचनात्मक व त्रिविम).
- Unit-10: हाइड्रोकार्बन: हाइड्रोकार्बन की परिभाषा व प्रकार (एल्केन, एल्कीन, एल्काइन, एरीन), हाइड्रोकार्बनों का विरचन, भौतिक गुणधर्म, रासायनिक गुणधर्म.
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